ब्राह्मण जन्म से या कर्म से
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जय श्री राम . सनातन धर्म में भगवान ने ब्राह्मणों की बहुत महिमा कही है. अनेकों जन्म से ब्राह्मण आजकल अधर्म और शास्त्र विरुद्ध कार्य अनाचार आदि में लिप्त है. कृपया बताए कि ऐसे ब्राह्मणों को ब्राह्मण माने या अधर्मी. धन्यवाद.
ब्राह्मण_के_नौ_गुण :-
रिजुः तपस्वी सन्तोषी क्षमाशीलो जितेन्द्रियः।
दाता शूरो दयालुश्च ब्राह्मणो नवभिर्गुणैः ।।
१.रिजुः = सरल हो,
२.तपस्वी = तप करनेवाला हो,
३.संतोषी = मेहनत की कमाई पर सन्तुष्ट, रहनेवाला हो,
४.क्षमाशीलो = क्षमा करनेवाला हो,
५.जितेन्द्रियः = इन्द्रियों को वश में रखनेवाला हो,
६.दाता = दान करनेवाला हो,
७.शूर = बहादुर हो,
८.दयालुश्च = सब पर दया करनेवाला हो,
९.ब्रह्मज्ञानी,
जन्म से केवल नहीं गिने जा सकते ब्राह्मण के लिए शास्त्रों में नियम बनाए गए हे आचर विचार का पालन होना चाहिए नियम से जनेऊ लेके संध्या करनी होती हे वरना बाह्मणत्व नष्ट हो जाता हे
जो ब्रम्ह को जानता है वो ब्राह्मण है जन्म से कोई ब्राम्हण नहीं होता
