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सरल गीता सार हिंदी में

महाभारत के कुरुक्षेत्र में सबसे बड़े धर्मयुद्ध में भगवान् श्रीकृष्ण ने सारथि बनकर अपने शिष्य अर्जुन को भगवत गीता का उपदेश दिए था जिसे हम सरल गीता सार भी कहते हैं। पांच हजार साल बीत जाने पर भी गीता के उपदेश आज भी हमारे सभी के जीवन में उतनेही महत्वपूर्ण है। पवित्र ग्रंथ भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण द्वारा जीवन की वास्तविकता और मनुष्य धर्म से जुड़े उपदेश दिए गया है।

भगवत गीता के उपदेश सुनकर अर्जुन को ज्ञान प्राप्त हुआ था। यह उपदेश कुरुक्षेत्र की युद्ध भूमि में खड़े अर्जुन के लिए नहीं था, परंतु गीता का उपदेश सम्पूर्ण मानव जाति के लिए सफलता पाने के लिए अचूक मंत्र हैं।

 

अवध बिहारी माथुर:-

अवध बिहारी माथुर द्वारा सरल गीता सार, वर्णन करता है, कि कैसे भगवद गीता न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि एक दार्शनिक पाठ भी है, जो बताता है कि जीवन को सार्थक रूप से कैसे जीना है। अवधेश बिहारी माथुर एक भारतीय लेखक हैं जिन्होंने प्राचीन शास्त्रों पर आधारित कई आध्यात्मिक पुस्तकों का संकलन किया है। भगवद गीता की उनकी स्पष्ट समझ इस शीर्षक में सामने आई है।

हिंदी में यह शीर्षक चर्चा करता है कि क्यों भगवद गीता को सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक ग्रंथों में से एक माना जाता है। यह चर्चा करता है कि धर्म के मार्ग में किसी के जीवन का नेतृत्व करने के सर्वोत्तम तरीकों के बारे में शास्त्र कैसे बात करता है। यह पाठकों को जीवन के सबसे कठिन और घटते प्रश्नों के उत्तर खोजने में मदद करता है। यह बताता है कि मनुष्य को अंत तक धर्म का मार्ग क्यों नहीं छोड़ना चाहिए। लेखक का दावा है कि भगवद गीता सिर्फ एक धर्म से संबंधित नहीं है, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक है।

स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है की कभी भी मनुष्य को अपना स्वधर्म छोड़ना नहीं चाहिये। चाहे किसी भी दूसरा धर्म अपने धर्म के मुकाबले अच्छा क्यों न हो, इसलिए भगवद गीता का किसी धर्म या जाति से जोड़ना गलत है।

 

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