Shloka of the Day
Shloka of the Day
सुखार्थिनः कुतो विद्या नास्ति विद्यार्थिनः सुखम् ।
सुखार्थी वा त्यजेत् विद्यां विद्यार्थी वा त्यजेत् सुखम् ॥
भावार्थ :
सुख चाहने वाले से विद्या दूर रहती है और विद्या चाहने वाले से सुख। इसलिए जिसे सुख चाहिए, वह विद्या को छोड़ दे और जिसे विद्या चाहिए, वह सुख को।
यह श्लोक हमें सिखाता है कि सच्चा ज्ञान त्याग और परिश्रम से मिलता है। जो व्यक्ति कठिनाइयों से डरता है, वह कभी विद्या प्राप्त नहीं कर सकता। और जो विद्यार्थी बनने का साहस करता है, उसे आराम का त्याग करना पड़ता है।
Source: विदुर नीति