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Shloka of the Day

Shloka of the Day

सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्॥

अर्थात: सभी लोग सुखी रहें। सभी लोग निरोग रहें। सभी लोग शुभ (मंगलमय) चीजें देखें। और कोई भी व्यक्ति दुख का भागी न बने।

यह एक वैदिक प्रार्थना है, जिसमें सम्पूर्ण मानवता के लिए मंगलकामना की गई है। इसमें न केवल स्वयं के लिए, बल्कि हर प्राणी के सुख, स्वास्थ्य और मंगल की कामना है।

यह श्लोक सर्वकल्याण की भावना से प्रेरित है —
यह दिखाता है कि सनातन संस्कृति केवल स्वयं की नहीं, संपूर्ण सृष्टि के कल्याण की कामना करती है। यह श्लोक प्रार्थना मात्र नहीं, जीवन-दर्शन है।

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Source: बृहदारण्यक उपनिषद्
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