Kali Panch Baan Stotra in Hindi

काली पंच बाण स्तोत्र | Kali Panch Baan Stotra
काली पंच बाण स्तोत्र (Kali Panch Baan Stotra) माँ काली को समर्पित एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है। इसमें देवी के पाँच “बाण” अर्थात पाँच शक्तिशाली स्तवन खंड हैं, जिनका पाठ साधक माँ काली का स्मरण करते हुए करता है। यह स्तोत्र तांत्रिक परंपरा में अत्यंत पूजित माना जाता है और विशेष रूप से नकारात्मक शक्तियों से रक्षा, भय नाश, बाधा समाधान, शत्रु निवारण, तथा साहस व आत्मबल वृद्धि के लिए पढ़ा जाता है।
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“काली–कंकाली–महाकाली” नामों का पुनरावर्तन साधक के भीतर शक्ति, वीरता और रक्षण भाव उत्पन्न करता है। इसमें वर्णित “चार वीर भैरव चौरासी” का तात्पर्य देवी के सुरक्षा रूप एवं भैरव गणों के आवाहन से है, जो साधक के चारों ओर रक्षा कवच का निर्माण करते हैं। इस स्तोत्र में काली माँ को पान-मिठाई अधिवेदना रूप में अर्पित कर भक्त अपनी प्रेम-भक्ति व्यक्त करता है, और अंत में “काली की दुहाई” बोलकर देवी की कृपा की याचना की जाती है।
मां की कृपा से जीवन के कठिन समय सरल होते हैं और साधक के मन में निर्भीकता, आत्मविश्वास व दिव्य शक्ति का संचार होता है।
काली पंच बाण स्तोत्र (Kali Panch Baan Stotra) पाठ विधि:
काली पंच बाण स्तोत्र (Kali Panch Baan Stotra) का पाठ करते समय सबसे पहले भक्त प्रातःकाल या रात्रि के शांत समय में स्नान कर स्वच्छ स्थान पर बैठें। सामने माँ काली की चित्र/प्रतिमा स्थापित करें, दीप और धूप प्रज्ज्वलित करें तथा नैवेद्य रूप में पान, मिठाई या गुड़ अर्पित करें। मन को स्थिर कर आँखें बंद करें और कुछ क्षण तक माँ काली का ध्यान करें। प्रारंभ में बीज मंत्र “ॐ क्रीं कालिकायै नमः” का 11 या 108 बार जप करने से साधना अधिक प्रभावी मानी जाती है तथा साधक के भीतर शक्ति और शांति दोनों का संचार होता है।
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इसके बाद श्रद्धापूर्वक काली पंच बाण स्तोत्र का पाठ करें — आप इसे 1, 3, 5 या 11 बार कर सकते हैं, अपनी क्षमता और समय अनुसार। प्रत्येक बाण के अंत में “अब बोलो काली की दुहाई” भक्तिश्रद्धा से बोलना अत्यंत शुभ माना गया है। पाठ पूर्ण होने पर माता को प्रणाम करें, अपनी मनोकामना निवेदन करें और प्रसाद ग्रहण करें। नियमित रूप से पाठ करने पर भय, बाधा व नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है तथा मन में साहस, आत्मविश्वास और देवी-कृपा की अनुभूति बढ़ती है।
॥ काली पंच बाण स्तोत्र ॥
प्रथम बाण
ॐ नमः काली कंकाली महाकाली
मुख सुन्दर जिए ब्याली
चार वीर भैरों चौरासी
बीततो पुजू पान ऐ मिठाई
अब बोलो काली की दुहाई।
द्वितीय बाण
ॐ काली कंकाली महाकाली
मुख सुन्दर जिए ज्वाला वीर वीर
भैरू चौरासी बता तो पुजू पान मिठाई।
तृतीय बाण
ॐ काली कंकाली महाकाली
सकल सुंदरी जीहा बहालो
चार वीर भैरव चौरासी
तदा तो पुजू पान मिठाई
अब बोलो काली की दुहाई।
चतुर्थ बाण
ॐ काली कंकाली महाकाली
सर्व सुंदरी जिए बहाली
चार वीर भैरू चौरासी
तण तो पुजू पान मिठाई
अब राज बोलो
काली की दुहाई।
पंचम बाण
ॐ नमः काली कंकाली महाकाली
मख सुन्दर जिए काली
चार वीर भैरू चौरासी
तब राज तो पुजू पान मिठाई
अब बोलो काली की दोहाई।
॥ इति श्री काली पंच बाण स्तोत्रं समाप्तम् ॥
Kali Panch Baan Stotra in English
Pratham Baan
Om Namah Kali Kankali Mahakali
Mukh Sundar Jiye Byali
Char Veer Bhairon Chaurasi
Beetato Pujoo Paan Ai Mithai
Ab Bolo Kali Ki Duhai
Dwitiya Baan
Om Kali Kankali Mahakali
Mukh Sundar Jiye Jwala Veer Veer
Bhairu Chaurasi Bata To Pujoo Paan Mithai
Tritiya Baan
Om Kali Kankali Mahakali
Sakal Sundari Jiiha Bahalo
Char Veer Bhairav Chaurasi
Tada To Pujoo Paan Mithai
Ab Bolo Kali Ki Duhai
Chaturth Baan
Om Kali Kankali Mahakali
Sarv Sundari Jiye Bahali
Char Veer Bhairu Chaurasi
Tan To Pujoo Paan Mithai
Ab Raaj Bolo
Kali Ki Duhai
Pancham Baan
Om Namah Kali Kankali Mahakali
Makh Sundar Jiye Kali
Char Veer Bhairu Chaurasi
Tab Raaj To Pujoo Paan Mithai
Ab Bolo Kali Ki Duhai
॥ Iti Shri Kali Panch Baan Stotram Samaptam ॥


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