loader image

Vedasara Shiva Stava

वेदसार शिवस्तवः | Vedasara Shiva Stava “वेदसार शिवस्तव” (Vedasara Shiva Stava) आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक अत्यंत पवित्र और दार्शनिक स्तुति है। इस स्तोत्र में भगवान शिव के परम तत्त्व, उनके निराकार, सर्वव्यापक और ब्रह्मस्वरूप रूप का गहन वर्णन मिलता है। यह केवल भक्ति का स्तोत्र नहीं है, बल्कि अद्वैत वेदांत के दर्शन का सार भी समाहित करता है। यहां […]

Share

Raghuvansham Sarg 12

रघुवंश बारहवाँ सर्ग | Raghuvansham Sarg 12 ॥ कालिदासकृत रघुवंशम् महाकाव्य बारहवाँ सर्गः ॥ महाकवि कालिदास का रघुवंशमहाकाव्य भारतीय संस्कृति और मर्यादा का अमूल्य ग्रंथ है। रघुवंश बारहवें सर्ग (Raghuvansham Sarg 12) में कवि ने भगवान श्रीराम के जीवन के प्रमुख प्रसंगों — पिता दशरथ के निधन से लेकर सीता-हरण और लंका दहन तक — का अत्यंत मार्मिक वर्णन किया […]

Share

Contribution Of Hinduism To The World

Contribution Of Hinduism : Yoga, Meditation, Science, Ayurveda, Concept of Zero and Mathematics to the World. Hinduism’s rich culture and wisdom have often been overlooked and underestimated. Our traditions and knowledge are at risk as outside influences quietly push to erase them. It’s important for young Hindus today to understand that preserving our heritage is not just about the past. […]

Share

Durga Kavach Lyrics in Hindi

दुर्गा कवच: माँ दुर्गा का दिव्य कवच – सुरक्षा और शक्ति का स्तोत्र भारतीय संस्कृति में देवी दुर्गा शक्ति, साहस और भक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। उनका स्मरण करने से जीवन की कठिनाइयाँ सरल हो जाती हैं और साधक को आत्मबल तथा निर्भयता की प्राप्ति होती है। दुर्गा कवच (Durga Kavach Lyrics in Hindi) देवी महात्म्य (दुर्गा सप्तशती) का […]

Share

Ganesh Chalisa

श्री गणेश चालीसा Ganesh Chalisa: सफलता, बुद्धि और सुख-समृद्धि देने वाली वंदना सनातन धर्म में भगवान श्री गणेश का स्थान सर्वप्रथम है। उन्हें विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता, बुद्धि और विद्या के अधिष्ठाता देवता के रूप में पूजा जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत चाहे वह गृह प्रवेश हो, विवाह हो, व्यापार का आरंभ हो या यज्ञ-हवन हो—सबसे पहले गणेश जी […]

Share

What is Ved Puran?

Ved Puran क्या है? – विशेषताएँ और उपयोगिता भारतीय संस्कृति अनादि काल से ज्ञान, धर्म और अध्यात्म की अमूल्य धरोहर रही है। वेद पुराण (Ved Puran) इस धरोहर के ऐसे स्तंभ हैं, जिनके बिना सनातन धर्म की कल्पना भी अधूरी है। वेदों को ईश्वर का श्वास कहा गया है—ये दिव्य ज्ञान का प्रत्यक्ष स्वरूप हैं। वहीं पुराण वे ग्रंथ हैं, […]

Share

Amogha Shiv Kavach in Hindi

अमोघ शिव कवच भगवान शिव की दिव्य कृपा का कवच | Amogha Shiv Kavach यह अमोघ शिव कवच (Amogha Shiv Kavach) परम गोपनीय, परम पूज्य, समस्त पापों का नाश करने वाला, समस्त दुर्भाग्यों और विघ्नों का नाश करने वाला, परम पवित्र, विजयदायक और समस्त विपत्तियों का नाश करने वाला माना जाता है। यह परम कल्याणकारी और समस्त भयों का नाश […]

Share

Ek Mukhi Hanuman Kavach

एकमुखी हनुमान कवच | Ek Mukhi Hanuman Kavach हनुमान — शक्ति, भक्ति और सुरक्षा का ऐसा दिव्य स्वरूप जिनकी केवल स्मृति से ही शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संकट दूर हो जाते हैं। वे न केवल राम के दूत हैं, बल्कि दीन-दुखियों के रक्षक, शत्रुओं के संहारक, और साधकों के अनन्य सहायक भी हैं। परंतु क्या आप जानते हैं कि श्री […]

Share

Chanakya Niti chapter 8 in Hindi

चाणक्य नीति : आठवां अध्याय | Chanakya Niti Chapter 8 In Hindi आठवां अध्याय भूमि के अंदर से निकलने वाला पानी शुद्ध माना जाता है। पतिव्रता नारी पवित्र होती है। लोगों का कल्याण करने वाला राजा पवित्र माना जाता है और संतोषी ब्राह्मण को भी पवित्र माना गया है। चाणक्य नीति का आठवाँ अध्याय (Chanakya Niti chapter 8 in Hindi) […]

Share

Raghuvansham Sarg 11

रघुवंश ग्यारहवाँ सर्ग | Raghuvansham Sarg 11 ॥ कालिदासकृत रघुवंशम् महाकाव्य ग्यारहवाँ सर्गः ॥ महाकवि कालिदास द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य ‘रघुवंशम्’ के ग्यारहवें सर्ग (Raghuvansham Sarg 11) में भगवान राम के किशोरावस्था के प्रमुख घटनाक्रमों का वर्णन है। यह सर्ग रामायण की कथा का एक महत्वपूर्ण अंश प्रस्तुत करता है, जिसमें राम की वीरता, धर्मनिष्ठा और उनके विवाह की कथा […]

Share

Mahabharata Adi Parva Chapter 37 to 41

॥ श्रीहरिः ॥ श्रीगणेशाय नमः  ॥ श्रीवेदव्यासाय नमः ॥ श्रीमहाभारत आदिपर्वके अन्तर्गत आस्तीकपर्व में (Adi Parva Chapter 37 to 41) इस पोस्ट में श्रीमहाभारत आदिपर्वके अन्तर्गत आस्तीकपर्व अध्याय 37 से अध्याय 41 (Adi Parva Chapter 37 to 41) दिया गया है। इसमें माताके शापसे बचनेके लिये वासुकि आदि नागोंका परस्पर परामर्श कहा है। वासुकिकी बहिन जरत्कारुका जरत्कारु मुनिके साथ विवाह […]

Share

Nirvana Shatakam

छः श्लोकों में आत्मा, मोक्ष और शिवत्व का रहस्य निर्वाण षट्कम् (Nirvana Shatakam), जिसे आत्म षट्कम् भी कहा जाता है, आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक गहन दार्शनिक स्तोत्र है। इसमें आत्मा की सर्वोच्च स्थिति — निर्वाण या आत्म-साक्षात्कार — का सुंदर वर्णन किया गया है। “षट्कम्” का अर्थ है ‘छः श्लोकों का समूह’। इन छह श्लोकों में आत्मा को शरीर, […]

Share
Share
Share