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श्री राम रक्षा स्तोत्रम् हिंदी में

श्री राम रक्षा स्तोत्रम (Ram Raksha Strota in hindi) (संस्कृत: श्रीरामरक्षास्तोत्रम्) संस्कृत स्तोत्र है, स्तुति का भजन है, जो भगवान राम द्वारा हमें दी गई सुरक्षा के लिए प्रार्थना के रूप में उपयोग किया जाता है।

राम रक्षा स्तोत्र के रचनाकार बुद्ध कौशलिका (वाल्मीकि), एक ऋषि हैं। भगवान शिव बुद्ध कौशलिका के सपने में आए और उन्हें ये 38 श्लोक सुनाए। जो ईमानदारी से इस स्तोत्र का पाठ करता है और इसका अर्थ समझता है, भगवान राम उसके मन की रक्षा करते हैं और उसे परम सत्य को जानने के लिए तैयार करते हैं। स्क्वैबरा के जप को स्क्वैब्लिंग, शत्रुता, हानि और बाधा के उपाय के रूप में करने की सलाह दी जाती है। प्रत्येक व्यक्ति श्लोक का पाठ करके स्वतंत्र रूप से लाभान्वित हो सकता है।

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उदाहरण के लिए, “आलापदम्पहर्ताराम दाताराम सर्वस्वमपदम्” का 1 लाख बार पाठ करने से व्यक्ति अपने सभी ऋणों को दूर कर सकेगा। “कौसल्यायो द्रौषु पातु विश्वामित्र प्रिया-ह श्रुति” का पाठ करने से आंखों से संबंधित बीमारी ठीक हो जाएगी। धार्मिक उत्सवों के दौरान विशेष रूप से नवरात्रि समारोह के दौरान, स्तोत्र का विशेष सार्वजनिक आयोजन किया जाता है, जब गुड़ी पड़वा से लेकर राम नवमी के दिन, भगवान राम के जन्मदिन तक निरंतर पाठ किया जाता है।

 

राम रक्षा स्तोत्र (Ram Raksha Strota in hindi) के लाभ:

श्री राम रक्षा स्तोत्रम् (Ram Raksha Strota in hindi) एक प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक स्तोत्र है, जिसका प्रयोग भगवान राम की कृपा और रक्षा के लिए किया जाता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्त भगवान राम के करुणामय आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं।

श्री राम रक्षा स्तोत्र के पाठ से भगवान राम की कृपा से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं। यह स्तोत्र भगवान राम की कृपा और रक्षा के लिए समर्पित है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्त भगवान राम की कृपा के अभिप्राय से समस्त कष्टों से मुक्त होते हैं।

श्री राम रक्षा स्तोत्र के पाठ से बुरे संकल्पों और बुरे सपनों से मुक्ति मिलती है। यह स्तोत्र न केवल शारीरिक बल बढ़ाता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करता है। इस स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति के अंतरात्मा को शांति मिलती है और उसे समस्त अभावों से मुक्त करता है।

इस स्तोत्र के पाठ का समय सुबह और शाम हो सकता है। इसे पाठ करते समय शुद्धता बनाये रखना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए

श्री राम रक्षा स्तोत्र पाठ का समय सुबह और शाम हो सकता है। इसेके पाठ करते समय शुद्धता बनाये रखना चाहिए। राम रक्षा स्तोत्र पाठ करने से पहले ध्यान देने वाली बातें हैं। सबसे पहले व्यक्ति को एक शुद्ध वातावरण में बैठकर पाठ करना चाहिए। इसके बाद भगवान राम का ध्यान करें और फिर स्तोत्र का पाठ शुरू करें। स्तोत्र को ध्यानपूर्वक एवं ध्यान रखते हुए पाठ करें।

 

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